हे शेरावाली नजर एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
तेरे सिवा ना मुझे कुछ भी भाए,
देखूं जिधर भी नज़र तू ही आए,
मुझको दीवाना कर इस कदर दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
रूठे भले माँ ये सारा जमाना,
हे जग की मालिक ना तुम रूठ जाना,
सिर पे तू मेरे माँ हाथ धर दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
दे दो मुझे भीख में अपनी भक्ति,
चढ़ के ना उतरे माँ दो ऐसी मस्ती,
फैलाए कबसे खड़ा झोली भर दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
सोए जगा दो हे माँ भाग्य मेरे,
गाता रहूं बस भजन मैया तेरे,
‘राजू’ को मैया बस इतना वर दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
हे शेरावाली नजर एक कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो,
अपने ही रंग में मेरा चोला रंग दो,
हे शेरावाली नजर मुझपे कर दो,
हे मेहरवाली माँ मेहर एक कर दो ॥
हिंदू धर्म में दिवाली का त्योहार पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के पांच दिन घर में उत्सव जैसा माहौल रहता है। इस दिन जहां बच्चों को पटाखे छोड़ने का मौका मिलता है।
सालभर के इंतजार के बाद फिर एक बार दिवाली का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
दिवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान गणेश जी की पूजा भी की जाती है। गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है, जबकि मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।