तन रंगा मेरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा,
सीता जी के रंग में,
राम जी रंग में,
राधेश्याम जी रंग में,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
ओढ़ी है जबसे मैंने प्रेम की चुनरिया,
सीताराम रटते रटते बीते री उमरिया,
राधेश्याम रटते रटते बीते री उमरिया,
राम के सिवा ना कोई,
श्याम के सिवा ना कोई,
सूझे रे डगरिया,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
बांह पकड़ के मेरी दे दे सहारा,
राम प्रभु जी मैंने तुझको पुकारा,
श्याम प्रभु जी मैंने तुझको पुकारा,
तेरी दया से मिले,
तेरी कृपा से मिले,
सबको किनारा,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
पाऊं कहाँ मैं तुझको कुछ तो बता दे,
जनम मरण से तू मुझको बचा ले,
खुद को किया रे मैंने तेरे हवाले,
तेरा ही रूप हूँ मैं,
मेरा ही रूप है तू,
खुद में छिपा ले,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
तेरी शरण में आया और कहाँ जाऊं,
तुझसे ही बिछड़ा हूँ मैं तुझमे समाऊँ,
चरणों में धाम चारों यहीं सर झुकाऊं,
यही मुझे जीना प्रभु जी,
यही मुझे जीना प्रभु जी,
यही मर जाऊं,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
तन रंगा मेरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा,
सीता जी के रंग में,
राम जी रंग में,
राधेश्याम जी रंग में,
तन रंगा मेंरा मन रंगा,
इस रंग में अंग अंग रंगा ॥
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख त्योहारों मे एक है। यह पर्व भगवान शिव की आराधना को समर्पित होता है और फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार आंतरिक शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण के माध्यम से भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।