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महाशिवरात्रि के विशेष उपाय

महाशिवरात्रि के विशेष उपाय

MahaShivratri Upay: महाशिवरात्रि के त्योहार पर करें ये उपाय, मिलेगी भगवान शिव की कृपा 



महाशिवरात्रि  हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण पर्व है। यह भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का पवित्र त्योहार आंतरिक शांति का प्रतीक है। इस दिन शिवभक्त उपवास, पूजा-अर्चना और रात्रि जागरण के माध्यम से भगवान शिव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है, शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। भक्त  रात्रि जागरण कर भजन-कीर्तन करते हैं। इस बार शिवरात्रि का त्योहार 26 फरवरी को पड़ रहा है। ऐसे में अगर आप सोच रहे है , तो कि आपको पूजा पाठ के अलावा इस दिन क्या करना चाहिए, तो आप सही जगह आए हैं। चलिए आपको विस्तार से बताते है कि भक्तों को शिवरात्रि के दिन क्या करना चाहिए।


महाशिवरात्रि पर शुभ कार्य


1. अभिषेक

 
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यों माना गया है। इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाले संकट दूर होते है और जीवन में उन्नति होती है। पुराणों में भी शिवलिंग के जलाभिषेक को प्रभावी और पुण्यकारी बताया गया है।


2. जागरण और भजन कीर्तन


जागरण और भजन कीर्तन शिवरात्रि का हिस्सा है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसी कारण से शिवरात्रि पर भगवान शिव की बारात निकाली जाती है। लोग रात्रि जागरण करते हुए भजन कीर्तन गाते हैं। इससे वातावरण में भी सकारात्मकता का संचार होता है। 


3. व्रत 


शिवरात्रि हिंदू धर्म के सबसे बड़े पर्वों में से एक है, जो देवों के देव कहे जाने महादेव को समर्पित है। इस दिन लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है।और मनुष्य को आध्यात्मिक बल प्राप्त होता है।


4. दान


दान सबसे बड़ा धर्म माना गया है। शिवरात्रि के दिन आप इन वस्तुओं का दान कर सकते हैं।

  1. अन्न, वस्त्र और धन का दान
  2. गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना
  3. गौशाला में गायों को चारा खिलाना
  4. मंदिरों में दीपदान करना
  5. भगवान शिव की कथाओं का पाठ - महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की कथा सुनना और शिव पुराण का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है और मनुष्य को धर्म और भक्ति का ज्ञान प्राप्त होता है।
  6. क्षमा और मित्रता- इस पवित्र दिन, हमें अपने मन से सभी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं को दूर करना चाहिए। अपने विरोधियों को क्षमा कर, उनसे मित्रता का भाव रखना चाहिए।

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