श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
तुम बालकृष्ण रूप में आना,
वैष्णव को दर्श दिखाना,
गोवर्धन नाथ बनके,
गिरिवर हाथ धरके,
चले आना प्रभुजी चले आना,
श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
तुम वृन्दावन में आना,
संग राधाजी को लाना,
व्रजनाथ बनके राधाकांत बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना,
श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
तुम गोकुल मथुरा में आना,
बाललीला अपनी दिखाना,
गोकुलनाथ बनके यदुनाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना,
श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
मेरे मनमंदिर में आना,
श्रद्धा का दीप जलाना,
सारे दोष हरले मुझे अपना करले,
चले आना प्रभुजी चले आना,
श्रींनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
श्रीनाथ बनके दीनानाथ बनके,
चले आना प्रभुजी चले आना ॥
अमावस्या की तिथि पितरों के तर्पण और उनकी पूजा-अर्चना के लिए शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या किसी सोमवार को पड़ती है, तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है।
साल 2024 की आखिरी अमावस्या काफ़ी महत्पूर्ण है। यह दिन भगवान शिव और पितरों को समर्पित होता है। इस दिन पितरों को प्रसन्न करने हेतु तर्पण किया जाता है।
शेरावाली दा चोला सुहा लाल,
लाल माँ नु प्यारा लागे ॥
शेरावाली का लगा है दरबार,
जयकारा माँ का बोलते रहो,