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मेरा भोला बड़ा मतवाला (Mera Bhola Bada Matwala)

मेरा भोला बड़ा मतवाला (Mera Bhola Bada Matwala)

मेरा भोला बड़ा मतवाला,

सोहे गले बीच सर्पों की माला ॥


माथे चन्दा सुहाए,

जटा गंगा बहाये,

कमर बांधे हुए मृगछाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


खाते भंगिया धतूर,

करें नशा भरपूर,

समुद्र मंथन का विष पीने वाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


रहे परबत कैलाश,

गौरा मइया के साथ,

गोद में बैठे गणपति लाला,

मेरा भोला बडा मतवाला ॥


मेरा भोला बड़ा मतवाला,

सोहे गले बीच सर्पों की माला ॥


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मंगलवार हनुमान जी का दिन क्यों है

हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह के सात दिन अलग-अलग देवी-देवताओं को समर्पित है। इन मान्यताओं के अनुसार हम प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयत्न करते हैं।

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कलयुग कब खत्म होगा

सनातन परंपरा के अनुसार संसार में अब तक चार युग हुए हैं। इन चार युगों को सतयुग, त्रेता युग, द्वापर युग और कलि युग कहा गया है। संसार का आरंभ सतयुग से हुआ। त्रेता युग में विभिन्न देवताओं ने विभिन्न अवतारों के साथ धर्म की रक्षा की। इसमें प्रमुख रूप से रामावतार में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना की और पापियों का नाश किया।

कैसे हुई थी भगवान राम की मृत्यु?

त्रेता युग में भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में अवतार लिया। रामावतार श्री हरि विष्णु के परमावतारों में से एक है। श्री राम अवतार में भगवान ने मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में सांसारिक लीलाएं की और रावण का वध कर संसार को पापों से मुक्ति दिलाई और धर्म की स्थापना की।

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