मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,
मैं क्या चाहता हूँ,
ये तुम ही जानो,
मै कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जान ॥
ना दीनता है ना भाव भक्ति,
ना कुछ भजन है ना आत्मशक्ति,
मैं क्या देखता हूँ,
ये तुम ही जानो,
मै कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो ॥
दुनिया से मुझको फुर्सत ना मिलती,
तक़दीर की मेरी अटकन ना मिटती,
मैं क्या मांगता हूँ,
ये तुम ही जानो,
मै कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो ॥
यही दर्द दिल में तड़पन है भारी,
तेरे दर पे आया आगे मर्जी तुम्हारी,
मैं पागल बना हूँ,
ये तुम ही जानो,
मै कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो ॥
मैं कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो,
मैं क्या चाहता हूँ,
ये तुम ही जानो,
मै कितना अधम हूँ,
ये तुम ही जानो ॥
सनातन धर्म में भगवान परशुराम को भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है, जिनका जन्म त्रेता युग में हुआ था और उनका उद्देश्य धरती पर धर्म की स्थापना और अधर्मियों का विनाश करना था।
सनातन धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि प्रत्येक दिन अलग-अलग देवी-देवताओं की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है।
हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी-न-किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना की जाती है। अगर आपको बजरंगबली की कृपा प्राप्त करनी हैं तो आप मंगलवार को उनकी पूजा-अर्चना कर सकते हैं।
सनातन धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी भगवान को समर्पित है। जैसा कि आपको बता दें कि सोमवार को भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है।