जिस दिल में आपकी याद रहे
प्रभु दिल मेरा वो दिल करदो
राही न सही मंजिल की तरफ
राही की तरफ मंजिल करदो
मन में भी अनेक विकारों ने
डटकर के डेरा डाल लिया
इस छल मन से यदि प्रेम है तो
जन मन का मन निर्मल करदो
जिस दिल में आपकी याद रहे
प्रभु दिल मेरा वो दिल करदो
पाकर मैं आपकी भक्ति प्रभु
वह थे जो झूमते मस्ती में
करुणा करके राजेश को भी प्रभु
उन मस्तों में शामिल कर दो
जिस दिल में आपकी याद रहे
प्रभु दिल मेरा वो दिल करदो
रंगलो अपने रंग में मुझको
जिससे न कुसंग का रंग चढ़े
दुनिया के प्रेम में पागल हूँ
अपना करके पागल करदो
जिस दिल में आपकी याद रहे
प्रभु दिल मेरा वो दिल करदो
कुंभ के दिव्य स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठानों के लिए श्रद्धालुओं की धड़कनें बढ़ चुकी हैं। ट्रेन, बस और होटलों की बुकिंग में भी बेतहाशा रफ्तार आई है, क्योंकि लाखों लोग इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं।
कुम्भ मेला एक ऐसा अवसर है जब श्रद्धालु पुण्य अर्जित करने के लिए संगम स्नान, दान और ध्यान करते हैं। इस पवित्र अवसर पर यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि हम कोई ऐसा कार्य न करें जिससे पाप का अर्जन हो जाए।
इस साल, 13 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर एकत्रित होंगे, जहां पवित्र गंगा, यमुना और संगम के जल में स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
महाकुंभ का मेला हर बार अपार श्रद्धा और धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। विशेष पुण्य और आशीर्वाद की प्राप्ति के साथ, यह स्नान जीवन को नई दिशा और शांति प्रदान करता है।