Logo

मकर संक्रांति पर कहां लगाएं डुबकी

मकर संक्रांति पर कहां लगाएं डुबकी

मकर संक्रांति के पर महाकुंभ के अलावा इन स्थानों पर लगाएं आस्था की डुबकी, मिलेगा अक्षय पुण्य


मकर संक्रांति, हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस दिन गंगा में स्नान का काफी महत्व है। इस दिन महाकुंभ में स्नान किया जा सकता है। हालांकि, इसके अलावा भी ऐसे कई पुण्य स्थान हैं जहां लोग श्रद्धा और आस्था की डुबकी इस दिन लगाते हैं। बता दें कि मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर गंगा समेत देशभर की कई पवित्र नदियों के तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि मकर संक्रांति के दिन महाकुंभ के अलावा किन स्थानों पर श्रद्धा की डुबकी लगाई जा सकती है। 


इस दिन स्नान-ध्यान से है अनेकों लाभ 


मकर संक्रांति के दिन प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान दूसरा अमृत स्नान  किया जाएगा। इस स्थान को तीर्थ राज के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में अगर आप मकर संक्रांति के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि इससे स्नान करने वालों को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। 



हरिद्वार में लगा सकते हैं डुबकी 


मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर हरिद्वार में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में आस्था की डुबकी लगाने से साधक को पुण्य लाभ मिलते हैं। बता दें कि हजारों लोग इस दिन ख़ासकर हरिद्वार पहुंचकर गंगा स्नान करते हैं।


वाराणसी में भी लगा सकते हैं डुबकी 


वहीं, मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालु वाराणसी में भी गंगा स्नान करते हैं। इसके बाद वे काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं को अक्षय पुण्य यानी कभी न नष्ट होने वाला पुण्य प्राप्त होता है। इसके अलावा अनजाने में किए गए पापों से भी साधक को मुक्ति मिलती है।


पश्चिम बंगाल में भी लगा सकते हैं डुबकी 


पश्चिम बंगाल का गंगासागर भी एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। इसलिए, मकर संक्रांति के मौके पर हुगली नदी के संगम पर भव्य मेला भी आयोजित किया जाता है। इस दिन हजारों लाखों की संख्या में श्रद्धालु बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्नान का लाभ उठाते हैं। 


अन्य स्थानों पर भी कर सकते हैं स्नान


गंगा के अलावा मकर संक्रांति के विशिष्ट मौके पर गोदावरी, नर्मदा, ताप्ती घाघरा, सोन या आपके आस पास जो भी स्वच्छ जल स्त्रोत उपलब्ध हो उनमें भी स्नान कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। वहीं, मकर संक्रांति पर नदी में स्नान संभव नहीं होने पर साधक नहाने के जल में भी गंगा जल मिलाकर स्नान का लाभ उठा सकते हैं। और शुभ फलों की प्राप्ति कर सकते हैं। 


जानिए मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त 


मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में स्नान-दान करके शुभ फलों की प्राप्ति की जा सकती है।

 

  • मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक। 
  • मकर संक्रांति महा पुण्य काल- सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक। 
  • मकर संक्रांति का क्षण- सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक।
  • संक्रांति करण- बालव
  • संक्रांति नक्षत्र- पुनर्वसु

........................................................................................................
क्यों छुप के बैठते हो, परदे की क्या जरुरत (Kyu Chup Ke Baithte Ho Parde Ki Kya Jarurat)

क्यों छुप के बैठते हो,
परदे की क्या जरुरत,

क्यों घबराता है पल पल मनवा बावरे (Kyun Ghabrata Hai Pal Pal Manva Baware)

क्यों घबराता है,
पल पल मनवा बावरे,

लागी लगन शंकरा - शिव भजन (Laagi Lagan Shankara)

भोले बाबा तेरी क्या ही बात है,
भोले शंकरा तेरी क्या ही बात है,

लागी तुम संग यारी मेरे बांके बिहारी (Laagi Tum Sang Yaari Mere Banke Bihari)

लागी तुम संग यारी,
मेरे बांके बिहारी,

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang