जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
सीताराम चरित अति पावन,
तुलसी करते गायन,
मर्यादा बिन राम है सूने,
कहती है रामायण,
मन अपना अयोध्या धाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
मन मंदिर के सिंहासन पे,
सजेगा राम का आसन,
निर्मल मन तेरा हो जाएगा,
राम करेंगे शाशन,
पापों पे पूर्ण विराम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
जब जब होगी घर घर अंदर,
राम चरित की पूजा,
हनुमत की किरपा बरसेगी,
राम राज्य तब होगा,
प्रभु राम पे हमें अभिमान होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
श्री राम चरित मानस अपनाकर,
राम चरित तुम गाओ,
कहता ‘रोमी’ पापी मन में,
राम की ज्योत जगाओ,
सियाराम का हमें गुलाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
जुबां पे राम का नाम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए,
मन मंदिर में राम होना चाहिए ॥
हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥
हमें निज धर्म पर चलना,
सिखाती रोज रामायण,
हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।
हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,