सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,
कोई धन्ना सेठ,
कोई फकीर है,
दर पे आता वहीं,
जिसकी तकदीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
करम भले तो दर मिले,
करम बुरे तो ना,
करमो का हिसाब रखें,
सांवरा सलोना,
बांधी कर्मों की ये,
सबको जंजीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
श्याम का दर गर मिला,
कह लो दिल का हाल,
सांवरे के लाल का,
हो ना बांका बाल,
काटे संकट सभी,
मार एक तीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
धन दौलत से ना तुले,
तुलसी-दल तुल जाये,
मोरछडी से सांवरा,
हर ताला खुलवाये,
‘बिट्टु’ श्याम मिलन,
की ये तदबीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,
कोई धन्ना सेठ,
कोई फकीर है,
दर पे आता वहीं,
जिसकी तकदीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
अशोक वाटिका लंका में स्थित एक उपवन है, जो राक्षस राजा रावण के राज्य में स्थित है। इसका उल्लेख पुराण और वाल्मीकि के हिंदू महाकाव्य रामायण और उसके बाद के सभी संस्करणों में मिलता है।
दिवाली या दीपावली हिंदू धर्म में सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। पांच दिवसीय इस त्योहार को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और अज्ञानता पर ज्ञान की जीत के प्रतीक के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।
धनतेरस पर किसी चीज को खरीदने का खास महत्व होता है। धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी जी और कुबेर जी के साथ भगवान धन्वंतरि जी की पूजा की जाती है।
भगवान श्रीकृष्ण ने सत्यभामा को अपना सारथी बनाया और उनकी सहायता से नरकासुर का वध कर डाला।