प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
गूंजेगे राग बन कर,
वीणा की तार बनके,
प्रगटोगे नाथ मेरे,
ह्रदय में प्यार बनके ।
हर रागिनी की धुन पर,
स्वर बन कर उठा करना,
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
नाचेंगे मोर बनकर,
हे श्याम तेरे द्वारे,
घनश्याम छाए रहना,
बनकर के मेघ कारे ।
बनकर के मेघ कारे ।
अमृत की धार बनकर,
प्यासों पे दया करना,
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
तेरे वियोग में हम,
दिन रात हैं उदासी,
अपनी शरण में लेलो,
हे नाथ ब्रज के वासी ।
हे नाथ ब्रज के वासी ।
तुम सो हम शब्द बन कर,
प्राणों में रमा करना,
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
प्रभु हम पे कृपा करना,
प्रभु हम पे दया करना ।
बैकुंठ तो यही है,
हृदय में रहा करना ॥
हिंदू धर्म में ब्रह्मा, विष्णु और महेश को त्रिमूर्ति माना जाता है। ये तीनों देवता सृष्टि के रचनाकार, पालनकर्ता और संहारक हैं। विष्णु और महेश की पूजा तो हर जगह होती है, लेकिन ब्रह्मा जी की पूजा क्यों नहीं होती, यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है।
हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के साथ-साथ व्रत रखने की भी मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर व्रत रखा जाए, तो व्रत का पारण भी विधिवत रूप से करना महत्वपूर्ण माना जाता है। बिना व्रत के पारण के पूजा सफल नहीं मानी जाती है।
सगाई का दिन! जिंदगी का वो खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं। रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार, और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। जी हां, सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।