दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
निर्बल का सहारा यही है,
रास्ता दुसरा ना कही है ।
तेरा दर्श अगर तू दिखा दे,
टूट जाये गमो की लड़ी है ॥
सारे भक्तो को तुमने है तारा,
वासता तुमसे भी है हमारा ।
तार दे माँ तेरे बालकों को,
हम पर विपदा ही ऐसी पड़ी है ॥
फरियादों की झोली अड़ी है,
फते करने को माँ तू खड़ीं है ।
ये शिवाजी को आशिष दे कर,
धन्य करदे तू सबसे बड़ी है ॥
दृष्टि हम पे दया की माँ डालो,
बडी संकट की आई घड़ी है ।
द्वार पर तेरे हम भी खड़े है,
आँखो में आँसुओ कि झड़ी है ॥
आओ सब महिमा गाये,
मिल के हनुमान की,
आओ विनायक म्हारे,
आंगणिये पधारो,
आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,
हम तो इस काबिल ही ना थे,
आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए,
त्रैलोक्य पूज्य है राम नाम, शुभारंभ कीजिए,