प्रेरणादायी स्कूल प्रार्थना हे प्रभो आनन्ददाता ज्ञान हमको दीजिए गीत रचना स्कूलों में छात्रों व शिक्षकों की मधुर वाणी के रूप में महाकवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी के काव्य साहित्य की देन है।
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
लीजिये हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,
ब्रह्मचारी धर्म-रक्षक वीर व्रत धारी बनें ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
निंदा किसी की हम किसी से भूल कर भी न करें,
ईर्ष्या कभी भी हम किसी से भूल कर भी न करें ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
सत्य बोलें, झूठ त्यागें, मेल आपस में करें,
दिव्या जीवन हो हमारा, यश तेरा गाया करें ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
जाये हमारी आयु हे प्रभु लोक के उपकार में,
हाथ डालें हम कभी न भूल कर अपकार में ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
कीजिए हम पर कृपा ऐसी हे परमात्मा,
मोह मद मत्सर रहित होवे हमारी आत्मा ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
प्रेम से हम गुरु जनों की नित्य ही सेवा करें,
प्रेम से हम संस्कृति की नित्य ही सेवा करें ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
योग विद्या ब्रह्म विद्या हो अधिक प्यारी हमें,
ब्रह्म निष्ठा प्राप्त कर के सर्व हितकारी बनें ।
॥ हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये...॥
हे प्रभु आनंद-दाता ज्ञान हमको दीजिये,
शीघ्र सारे दुर्गुणों को दूर हमसे कीजिए ।
हिंदू धर्म के 16 प्रमुख संस्कार है। इन्हीं में से एक संस्कार है अन्नप्राशन संस्कार है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक महत्वपूर्ण घटना होती है। दरअसल इस संस्कार के दौरान बच्चे को पहली बार ठोस आहार खिलाया जाता है।
हिंदू धर्म में किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले पूजा करने की एक प्राचीन परंपरा रही है। विशेष रूप से व्यवसाय या दुकान की शुरुआत के समय पूजा करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
नामकरण संस्कार हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है, जिसमें बच्चे को उसकी पहचान दी जाती है। यह बच्चे के जीवन का पहला अनुष्ठान होता है।
गृह प्रवेश पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू अनुष्ठान है जो नए घर में प्रवेश करने से पहले किया जाता है। आम तौर पर जब व्यक्ति नया घर बनाता है या किसी नए स्थान पर जाता है, तो वहां की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए गृह प्रवेश पूजा की जाती है।