हिम्मत ना हारिए,
प्रभु ना बिसारिए ।
हँसते मुस्कुराते हुये,
जिंदगी गुजारिए ॥
काम ऐसे कीजिये कि,
जिनसे हो सब का भला ।
बातें ऐसे कीजिये,
जिमनें हो अमृत भरा ।
मीठी बोली बोल सबको,
प्रेम से पुकारिए ।
कड़वे बोल बोलके ना,
जिंदगी बिगाड़िए ॥
अच्छे कर्म करते हुये,
दुःख भी अगर पा रहे ।
पिछले पाप कर्मों का,
भुगतान वो भुगता रहे ।
सद्गुरु की भक्ति करके,
पाप को मिटाइए ।
गल्तियों से बचते हुये,
साधना बढ़ाइए ॥
हिम्मत ना हारिए,
प्रभु ना बिसारिए ।
हँसते मुस्कुराते हुये,
जिंदगी गुजारिए ॥
हृदय की किताब पर,
ये बात लिख लीजिए ।
बनके सच्चे भक्त सच्चे,
दिल से अमल कीजिये ।
करके अमल बनके कमल,
तरिए और तारिए ।
जग में जगमगाती हुई,
जिंदगी गुजारिए ॥
हिम्मत ना हारिए,
प्रभु ना बिसारिए ।
हँसते मुस्कुराते हुये,
जिंदगी गुजारिए ॥
मुश्किलों मुसीबतों का,
करना है जो खात्मा ।
हर समय कहना तेरा,
शुक्र है परमात्मा ।
फरियादें करके अपना,
हाल ना बिगाड़िए ।
जैसे प्रभु राखें वैसे,
जिंदगी गुजारिए ॥
हिम्मत ना हारिए,
प्रभु ना बिसारिए ।
हँसते मुस्कुराते हुये,
जिंदगी गुजारिए ॥
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है।
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं।
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