मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
गीत बन जाऊं तेरी,
बांसुरी के स्वर का,
इठलाती बलखाती,
पतली कमर का,
पीला पटका बन जाऊं,
पीला पटका बन जाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
घुँघरू बनूँ जो तेरी,
पायल का प्यारे,
पल पल चूमा करूँ,
चरण तुम्हारे,
तेरे संग संग नाचूँ गाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
राधिका किशोरी संग,
रमण तुम्हारा,
मुझ को दिखा दो कभी,
ऐसा नज़ारा,
फिर चाहे मैं मर जाऊं,
फिर चाहे मैं मर जाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
मनमोहन तुझे रिझाऊं,
तुझे नित नए लाड़ लड़ाऊं,
बसा के तुझे नैनन में,
छिपा के तुझे नैनन में ॥
हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,