Logo

हे गोवर्धन गिरधारी, तुझे पूजे दुनिया सारी (Hey Govardhan Girdhari Tujhe Puje Duniya Saari)

हे गोवर्धन गिरधारी, तुझे पूजे दुनिया सारी (Hey Govardhan Girdhari Tujhe Puje Duniya Saari)

हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


है सात कोस की परिक्रमा,

बड़ी भारी है इनकी महिमा,

कानो में कुण्डल चमकत है,

ठोड़ी पे हिरा दमकत है,

तेरी झांकी बड़ी मनोहारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


आज अन्नकूट का भोग लगा,

तेरा छप्पन भोग क्या खूब सजा,

इतने व्यंजन बनवाए है,

घर घर से सब ले आए है,

करे नृत्य सकल नर नारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


कुछ तो माखन को बल बढ्यो,

कुछ ग्वालन करि सहाय,

श्री राधे जु की कृपा ते,

मैंने गिरिवर लियो उठाय,

यूँ बोले मदन मुरारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥


हे गोवर्धन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी,

तेरी परिक्रमा जो करले,

मिट जाए विपदा सारी,

हे गोवर्धंन गिरधारी,

तुझे पूजे दुनिया सारी ॥

........................................................................................................
गुजरात के इस स्थान पर साड़ी पहन कर गरबा करते हैं पुरुष, 200 साल पुरानी है परंपरा

नवरात्रि भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख त्योहार है जो मां दुर्गा की आराधना के लिए जाना जाता है। यह 09 दिवसीय उत्सव ना केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि इस दौरान पूरे भारत में देवी दुर्गा के सम्मान में विशेष पूजा-अर्चना, व्रत और गरबा जैसे पारंपरिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है।

दंतेश्वरी, डोंगरगढ़ समेत ये हैं छत्तीसगढ़ के 5 प्रमुख देवी मंदिर, दर्शन करने से मिलता है सौभाग्य लाभ

छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पौराणिक महत्व रखने वाला ये राज्य मंदिरों और तीर्थ स्थलों से घिरा हुआ है। यहां के कई मंदिर ना केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टि से भी काफी प्रसिद्ध हैं।

यहां खप्पर निकलते देखकर डर से कांपने लगते हैं लोग, जानिए कबीरधाम की विचित्र परंपरा

छत्तीसगढ़ का कबीरधाम जिला जो पहले कवर्धा जिला कहलाता था। यहां नवरात्रि में एक विशेष धार्मिक परंपरा है। दरअसल दुर्गा अष्टमी की रात को यहां तीन प्रमुख देवी मंदिरों से खप्पर निकाले जाते हैं।

छत्तीसगढ़ के थनौद में सिर्फ महिलाएं करती हैं मूर्तियों का श्रृंगार, किन्नर के पैरों की मिट्टी मिलाकर बनाई जाती है प्रतिमा

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले का थनौद गांव बहुत खास है। यहां नवरात्रि के दौरान एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां मां दुर्गा की प्रतिमाओं का श्रृंगार केवल महिलाएं ही करती हैं, जिसमें मूर्तिकारों की पत्नियां, बहनें, बेटियां और बहुएं शामिल होती हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang