होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर किया जाता है, इसे छोटी होली भी कहते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत और सच्ची भक्ति का प्रतीक है।
होलिका दहन हर साल होली के एक दिन पहले किया जाता है। ये दिन असत्य पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है और इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को याद किया जाता है।
होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत और भक्ति की शक्ति को दर्शाता है। कुछ जगह मान्यता है कि होलिका में राक्षस हिरण्यकश्युप की बहन होलिका जल गईं थीं इसलिए ये अशुभता का प्रतीक है।
होली का त्योहार प्रेम, एकता और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है और कई आध्यात्मिक कहानियों से जुड़ा हुआ है।