होलिका दहन हर साल होली के एक दिन पहले किया जाता है। ये दिन असत्य पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है और इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को याद किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की अग्नि में सारी चिंताएं जल जाती है, दुख का नाश होता है और अच्छाई का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए ये त्योहार और भी खास हो जाता है। यदि आप इस दिन विधिवत रूप से पूजा कर मंत्र जाप करते हैं तो आपकी कई चिंताएं खत्म हो सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ खास मंत्रों को ….
‘ॐ होलिकायै नमः’ मंत्र का जाप बहुत ही गुणकारी है। यह जाप होलिका दहन के समय करना चाहिए जिससे देवी काली प्रसन्न होती हैं। इस मंत्र का जाप करके आप देवी काली के प्रचंड रूप की आराधना करते हैं जो शक्ति और करुणा का प्रतीक हैं। आइये जानते हैं इस मंत्र से मिलने वाले अपार आशीर्वाद के बारे में:
होलिका दहन के समय बुरी शक्तियों और खुद को सालभर नकारात्मकता से बचाने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें।
“ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।”
होलिका दहन पर इन मंत्रों का जाप बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे आप धन, सुख, शांति और समृद्धि भी पा सकते हैं। आइए उन मंत्रो का उचारण जानें:
जैसा कि आप सभी जानते हैं मां लक्ष्मी के कुल आठ स्वरूप हैं। वैसे तो दीपावली पर हम सभी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं लेकिन मां लक्ष्मी के अष्ट स्वरूपों में से प्रत्यक्ष स्वरूप को प्रसन्न करने हेतु मां लक्ष्मी के इन अष्ट स्वरूपों से संबंधित स्त्रोत का पाठ कर आप मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं।
मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से आठवां स्वरूप हैं विद्या लक्ष्मी का जो विज्ञान और कला के साथ ज्ञान की देवी हैं। इनकी आराधना करने से इन तीनों चीजों में व्यक्ति वृद्धि और विकास करता है।
धैर्य लक्ष्मी को अष्टलक्ष्मी में पांचवां स्थान मिला है। धैर्य लक्ष्मी की आराधना से हमें धन और जीवन प्रबंधन में मदद मिलती है।
धान्य लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का तीसरा रूप हैं जिसे मां अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा गया है। धान्य का अर्थ है अनाज या अन्न। ऐसे में लक्ष्मी इस स्वरूप में अन्न या अनाज के रूप में वास करती हैं।