होलिका दहन हर साल होली के एक दिन पहले किया जाता है। ये दिन असत्य पर सत्य और भक्ति की जीत का प्रतीक है और इस दिन भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को याद किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होलिका दहन की अग्नि में सारी चिंताएं जल जाती है, दुख का नाश होता है और अच्छाई का आशीर्वाद मिलता है। इसलिए ये त्योहार और भी खास हो जाता है। यदि आप इस दिन विधिवत रूप से पूजा कर मंत्र जाप करते हैं तो आपकी कई चिंताएं खत्म हो सकती हैं। आइए जानते हैं कुछ खास मंत्रों को ….
‘ॐ होलिकायै नमः’ मंत्र का जाप बहुत ही गुणकारी है। यह जाप होलिका दहन के समय करना चाहिए जिससे देवी काली प्रसन्न होती हैं। इस मंत्र का जाप करके आप देवी काली के प्रचंड रूप की आराधना करते हैं जो शक्ति और करुणा का प्रतीक हैं। आइये जानते हैं इस मंत्र से मिलने वाले अपार आशीर्वाद के बारे में:
होलिका दहन के समय बुरी शक्तियों और खुद को सालभर नकारात्मकता से बचाने के लिए इस मंत्र का उच्चारण करें।
“ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलंतं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्।”
होलिका दहन पर इन मंत्रों का जाप बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे आप धन, सुख, शांति और समृद्धि भी पा सकते हैं। आइए उन मंत्रो का उचारण जानें:
आज 17 जून 2025 को आषाढ़ माह का छठवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि षष्ठी है। आज मंगलवार का दिन है। सूर्य मिथुन में और चंद्र देव कुंभ राशि में रहेंगे।
आज 18 जून 2025 को आषाढ़ माह का सातवां दिन है। साथ ही आज पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष तिथि सप्तमी है। आज बुधवार का दिन है। सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। वहीं चंद्रमा कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करेंगे।
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह दिन धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ होता है, विशेष रूप से स्नान, दान और व्रत के लिए। यह व्रत पवित्रता, आत्मिक शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति के लिए रखा जाता है।
हिंदू पंचांग में ज्येष्ठ पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। यह तिथि वर्ष में एक बार आती है और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत पुण्यकारी मानी जाती है। इस साल पूर्णिमा 10 जून, मंगलवार को सुबह 11:35 बजे शुरू होकर 11 जून, बुधवार को दोपहर 1:13 बजे समाप्त हो रही है।