मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,
मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मोर मुकुट कानो में कुण्डल,
सूर्य प्रभात सा है मुख मंडल,
तेरा रूप देख मन हर्षाया,
तेरा रूप देख मन हर्षाया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मोहिनी सूरत छटा अति प्यारी,
देवता भी जाते है बलिहारी,
किसने फूलों से श्रृंगार कराया,
किसने फूलों से श्रृंगार कराया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
स्वर्ग से सुन्दर तेरा नज़ारा,
‘सुमित’ को बाबा दे दो सहारा,
अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,
अपने भावों से ‘रजत’ ने रिझाया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
मेरे बाबा तुझे किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे,
मैं मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
मुड़ मुड़ दर तेरे आया,
दिल गया हार सांवरे,
मेरे बाबा तुझें किसने सजाया,
दिल गया हार सांवरे ॥
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिन बड़े पवित्र माने गए हैं, जिसमें नौ दिनों को बहुत पवित्र और विशेष माना जाता है। नवरात्रि एक साल में चार बार पड़ती है। जिसमें दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, और दो गुप्त नवरात्रि।
हिंदू धर्म में नवरात्रि के दिन बड़े पवित्र माने गए हैं, जिसमें नौ दिनों को बहुत पवित्र और विशेष माना जाता है। नवरात्रि एक साल में चार बार पड़ती है। जिसमें दो प्रत्यक्ष नवरात्रि होती है, और दो गुप्त नवरात्रि।
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को धन, समृद्धि, प्रेम और भौतिक सुखों का कारक माना जाता है। इसका गोचर और स्थिति सभी राशियों को प्रभावित करती है। शुक्र अभी मीन राशि में है, लेकिन 17 मार्च को अस्त हो जाएगा और 23 मार्च को फिर से उदय होगा।
मत्स्य जयंती भगवान विष्णु के पहले अवतार, “मत्स्यावतार” अर्थात् मछली अवतार की विशेष पूजा के रूप में मनाई जाती है।