आयो आयो रे शिवरात्रि त्यौहार,
सारा जग लागे आज काशी हरिद्वार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥
धरती और गगन ने मिलके,
शब्द यही दोहराए,
ओम नमः शिवाय बोलो,
ओम नमः शिवाय,
चलो शिव धाम चलो,
चाहो अगर उद्धार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥
शिवरात्रि के दिन श्रद्धा से,
शिव महिमा जो गाए,
अंत समय शिव भक्ति उसको,
मोक्ष की राह दिखाए,
आज के दिन सुनते,
शिव भक्तो की पुकार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥
आयो आयो रे शिवरात्रि त्यौहार,
सारा जग लागे आज काशी हरिद्वार,
आयो आयो रे शिवरात्रि त्योहार ॥
हिन्दू धर्म के अनुसार, भगवान विष्णु समय-समय पर धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए अवतार लेते हैं। कल्कि, विष्णु के दसवें और अंतिम अवतार माने जाते हैं।
मां दुर्गा का रूप शक्ति और वीरता का प्रतीक है। वे राक्षसों और असुरों से संसार को बचाने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आत्मिक बल मिलता है।
हिंदू धर्म में बुधदेव का महत्वपूर्ण स्थान है। वे ज्योतिषशास्त्र में एक ग्रह के रूप में जाने जाते हैं और बुद्धि, संवाद, वाणी, गणना, व्यापार, शिक्षा और तर्क का प्रतीक माने जाते हैं।
भारतीय संस्कृति में नदियों का महत्व बहुत अधिक है, उन्हें मां का दर्जा दिया जाता है। गंगा नदी के प्रति लोगों की आस्था से अधिकतर लोग परिचित हैं। हालांकि, देश भर में खासकर मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी का काफी महत्व है। इस बार 4 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जा रही है।