राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,
जब तुझे श्री हनुमान,
जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम और श्याम को,
बजरंगी बड़े प्यारे,
योद्धा है कन्हैया के,
राम के दुलारे,
चाहे जो बजरंगी,
राम श्याम जी मिलेंगे,
चाहे जो बजरंगी,
राम श्याम जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
निर्बल के बल मेरे,
वीर बजरंगी,
दुःख में हमेशा बने,
दुखियों के संगी,
प्रेम से पुकारो उस,
पल ही मिलेंगे,
प्रेम से पुकारो उस,
पल ही मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम को पुकारो चाहे,
श्याम को निहारो,
दोनों के लिए तो,
हनुमान को पुकारो,
‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,
पल में टलेंगे,
‘लख्खा’ तेरे सारे सकंट,
पल में टलेंगे,
जब तुझे श्री,
हनुमान जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझें,
श्याम भी मिलेंगे ॥
राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे,
जब तुझे श्री हनुमान,
जी मिलेंगे,
राम भी मिलेंगे तुझे,
श्याम भी मिलेंगे ॥
मां काली को शक्ति, विनाश और परिवर्तन की प्रतीक हैं। उन्हें दुर्गा का एक रूप माना जाता है और वे दस महाविद्याओं में से एक हैं। मां काली का रूप उग्र और भयानक है, लेकिन वे अपने भक्तों के लिए सुरक्षा प्रदान करती हैं।
मत्स्य अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से प्रथम है। मत्स्य का अर्थ है मछली। इस अवतार में भगवान विष्णु ने मछली के रूप में आकर पृथ्वी को प्रलय से बचाया था।
देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।
हिंदू धर्म में, प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फरवरी माह का पहला प्रदोष व्रत 9 फरवरी को मनाया जाएगा। सप्ताह के सातों दिनों में से जिस दिन प्रदोष व्रत पड़ता है उसी के नाम पर उस प्रदोष का नाम रखा जाता है।