कान्हा मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है,
जन्मों जनम तक ये,
जन्मों जनम तक ये,
अब रिश्ता निभाना है,
कान्हां मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है ॥
बैठा बैठा क्या सोचे,
पकड़ ले कलैया रे,
झूठे जग के झमेले में,
खो न जाऊं मैं भैया रे,
बनके खिवैया तुझे,
बनके खिवैया तुझे,
परली पार ले जाना है,
जन्मों जनम तक ये,
अब रिश्ता निभाना है,
कान्हां मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है ॥
रेशम की डोरी का,
मान तुझे रखना है,
मैं ना कहूं कुछ भी,
तुझको समझना है,
भूल से भी भूल मुझसे,
भूल से भी भूल मुझसे,
तुझको ना कराना है,
जन्मों जनम तक ये,
अब रिश्ता निभाना है,
कान्हां मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है ॥
जिस राह पे ‘अर्चू’ चले,
वो राह अनजानी है,
थामकर उंगली मेरी,
तुझे राह दिखानी है,
बनके उजाला तुझे,
बनके उजाला तुझे,
ये अँधेरा मिटाना है,
जन्मों जनम तक ये,
अब रिश्ता निभाना है,
कान्हां मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है ॥
कान्हा मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है,
जन्मों जनम तक ये,
जन्मों जनम तक ये,
अब रिश्ता निभाना है,
कान्हां मेरी राखी का,
तुझे कर्ज चुकाना है ॥
दरस एक बार दिखाना रे,
शिव शंकर डमरू वाले ॥
दर्श करा दे मेरे सांवरे,
म्हारे नैना हुए बावरे,
सनातन में पुष्कर स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। पुष्कर सरोवर को प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक माना जाता है
वैकुंठ चतुर्दशी के दिन मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान शिव व विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। 14 नवंबर को मणिकर्णिका स्नान का विधान है।