मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मेरा प्राणो से प्यारा पति,
मुझसे बिछड़े ना रूठे कभी,
माता रानी इसे मेरी आयु लगे,
ये मनोकामना है मेरी,
माँ तेरे लाल की,
माँ तेरे लाल की मैं हूँ अर्धांगिनी,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मैया तू ही मेरी आस है,
मेरा तुझपे ही विश्वास है,
आसरा है तेरा,
मुझपे करना दया,
मेरी तुझसे ये अरदास है,
बिन तेरे प्यार के,
बिन तेरे प्यार के क्या मेरे पास है,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मैं हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए,
मैया जब तक जियूं,
मैं सुहागन रहूं,
मुझको इतना तू वरदान दे,
मै हूँ दासी तेरी दातिए,
सुन ले विनती मेरी दातिए ॥
मन में बसाकर तेरी मूर्ति,
उतारू में गिरधर तेरी आरती ॥
मन की मुरादें, पूरी कर माँ,
दर्शन करने को मैं तो आउंगी ।
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।
मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज