लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
जिसको ब्रह्मा ने बनाया,
जिसको विष्णु ने सजाया,
जिसको भोले ने रंग में रंग डाली,
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
रंग चुनरी का शक्ति अपार देता,
पाप मन में बसे इसको मार देता,
जिसने सारी अला-बला,
भगतो की टाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली ॥
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
इसके कोने में रिद्धि-सिद्धि रहती है,
शुभ और लाभ भक्तो को देती है,
भक्तो के मन को यह,
चुनरी भाने वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली ॥
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
माँ के सर पे यह चुनड़ी,
सुहानी लगती,
सारी दुनिया है माँ की,
दीवानी लगती,
दुख के बादल दूर यह,
भगाने वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली ॥
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरोवाली ॥
अपनी चुनरी की छाया में,
बिठा ले श्याम को,
लक्खा जपता रहे,
माँ तुम्हारे नाम को,
भक्तो को दे दे माँ,
अमृत की प्याली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली ॥
लाल लाल चुनरी सितारो वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली,
जिसको ब्रह्मा ने बनाया,
जिसको विष्णु ने सजाया,
जिसको भोले ने रंग में रंग डाली,
लाल लाल चुनरी सितारों वाली,
सितारो वाली,
जिसे ओढकर आई है,
माँ शेरावाली ॥
मां लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से आठवां स्वरूप हैं विद्या लक्ष्मी का जो विज्ञान और कला के साथ ज्ञान की देवी हैं। इनकी आराधना करने से इन तीनों चीजों में व्यक्ति वृद्धि और विकास करता है।
धैर्य लक्ष्मी को अष्टलक्ष्मी में पांचवां स्थान मिला है। धैर्य लक्ष्मी की आराधना से हमें धन और जीवन प्रबंधन में मदद मिलती है।
धान्य लक्ष्मी, मां लक्ष्मी का तीसरा रूप हैं जिसे मां अन्नपूर्णा के रूप में भी पूजा गया है। धान्य का अर्थ है अनाज या अन्न। ऐसे में लक्ष्मी इस स्वरूप में अन्न या अनाज के रूप में वास करती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्ट लक्ष्मी में वीर लक्ष्मी वीरता और साहस की देवी हैं। जो दुश्मनों पर विजय दिलाने में सहायक हैं। वीर लक्ष्मी की प्रचलित पौराणिक कथा महाभारत काल से जुड़ी हुई है।