चौसठ जोगणी रे भवानी,
देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
देवलिये रमजाय म्हारे,
आंगणिये रमजाय,
चौसठ जोगणी रे भवानी,
देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
हंस सवारी कर मोरी मैया,
ब्रम्हा रूप बणायो,
ब्रम्हा रूप बणायो नवदुर्गा,
ब्रम्हा रूप बणायो,
चार वेद मुख चार बिराजे,
चारा रो जस गायो ॥
घूमर घालनी रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
गरुड़ सवारी कर मेरी मैया,
विष्णु रूप बणायो,
विष्णु रूप बणायो नवदुर्गा,
विष्णु रूप बणायो,
गदा पदम संग चक्र बिराजे,
मधुबन रास रचायो ॥
घूमर घालनी रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
नंदी सवारी कर मेरी मैया,
शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा,
शक्ति रूप बणायो,
जटा मुकुट मै गंगा खळके,
शेष नाग लीपटायो ॥
घूमर घालनी रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
सिंघ सवारी कर मेरी मैया,
शक्ति रूप बणायो,
शक्ति रूप बणायो नवदुर्गा,
शक्ति रूप बणायो,
सियाराम तेरी करे स्तुति,
भक्त मंडल जस गायो ॥
घूमर घालनी रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
चौसठ जोगणी भवानी,
देवलिये रमजाय,
घूमर घालणि रे भवानी,
देवलिये रमजाय ॥
हाथी और मगरमच्छ से जुड़ी है इस शक्तिपीठ की कथा, इस स्थान पर गिरी थी माता की कनपटी
माता सती की नाक गिरने से बनी सुगंधा शक्तिपीठ, मंदिर की मूल मूर्ति हो चुकी है चोरी
बिना छत के बना है श्रीशैल का महालक्ष्मी शक्तिपीठ का मंदिर, सेठ के स्वप्न में आई माता फिर बना मंदिर
चन्द्रनाथ पहाड़ी पर स्थित है मां भवानी चट्टल शक्तिपीठ, चंद्रशेखर शिव का मंदिर भी मौजूद