देवी का यह पीठ बांग्लादेश में चटगांव से 38 किलोमीटर दूर सीताकुंड स्टेशन के पास चंद्रशेखर पर्वत पर स्थित है। समुद्रतल से 350 मीटर की ऊंचाई पर यहां चंद्रशेखर शिव का भी मंदिर है। मान्यता है कि यहां सती की भुजा गिरी थी। यहीं पर पास में ही सीताकुंड, व्यासकुंड, सूर्यकुंड, ब्रह्मकुंड, बाड़व कुंड, लवणाक्ष तीर्थ, सहस्रधाराएं जनकोटि शिव भी हैं। बाड़व कुंड से निरंतर आग निकलती रहती है। नवरात्र में यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। सुबह से शाम तक मंदिर में श्रद्धालु माता के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि माता अपने भक्तों की हर मुराद पूरी करती है। यहां माता सती को भवानी देवी और भगवान शिव को चंद्रशेखर और क्रमदीश्वर के नाम से पूजा जाता है।
पूर्वी भारत से, कोलकाता से ढाका के लिए मैत्री एक्सप्रेस या बंधन एक्सप्रेस जैसी ट्रेन लें। यात्रा में आमतौर पर लगभग 10-12 घंटे लगते हैं। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे कोलकाता से ढाका में हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरें। उड़ान की अवधि लगभग 1 घंटा और 15 मिनट है। उत्तरी या मध्य भारत से, इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली या लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे वाराणसी जैसे प्रमुख हवाई अड्डों से ढाका के लिए उड़ान बुक करें। उड़ान में लगभग 2-3 घंटे लगते हैं। ढाका से ब्राह्मणबरिया तक बस लें या टैक्सी किराए पर लें। इस यात्रा में आमतौर पर लगभग 2-3 घंटे लगते हैं। ब्राह्मणबरिया से, चट्टल तक पहुंचने के लिए स्थानीय टैक्सी किराए पर लें या उपलब्ध सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। शक्तिपीठ के सटीक स्थान के आधार पर यात्रा का समय लगभग 1-2 घंटे है।
तेरी माया का ना पाया कोई पार,
की लीला तेरी तु ही जाने,
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥
थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,
थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,