Logo

अमरकंटक की दूसरी शक्तिपीठ शोणदेश, भगवान शिव के भद्रसेन स्वरूप की पूजा होती है (Amarakantak Ke Doosare Shaktipeeth Shonadesh, Bhagawan Shiv Ke Bhadrasen Svaroop Ke Pooja Hote Hai)

अमरकंटक की दूसरी शक्तिपीठ शोणदेश, भगवान शिव के भद्रसेन स्वरूप की पूजा होती है (Amarakantak Ke Doosare Shaktipeeth Shonadesh, Bhagawan Shiv Ke Bhadrasen Svaroop Ke Pooja Hote Hai)

शोणदेश शक्तिपीठ मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित दूसरी शक्तिपीठ है। इसे नर्मदा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार यहाँ माता सती का दायां कुल्हा गिरा था। इस मंदिर का नाम नर्मदा नदी के नाम पर पड़ा है। अमरकंटक नर्मदा के अलावा सोन नदी का उद्गम स्थल भी है जिसकी वजह से इस शक्तिपीठ को शोणदेश शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है।


यहाँ माता सती को नर्मदा माता और शिव को भद्रसेन के रूप में पूजा जाता है। शोणदेश शक्तिपीठ मंदिर के गर्भगृह के मध्य में मां नर्मदा की मूर्ति है। कुछ दूरी पर अलग-अलग देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। जिस चबूतरे पर मां नर्मदा की मूर्ति है, वह चांदी से बना है। सफेद पत्थर से बना यह मंदिर जिसके चारों ओर तालाब हैं।  मंदिर तक पहुँचने के लिए कुल मिलाकर लगभग 100 सीढ़ियाँ तय करनी पड़ती हैं।


अमरकंटक, मध्य प्रदेश के प्रमुख शहर जबलपुर से लगभग 250 किमी दूर स्थित हैं। जो रेल, सड़क और हवाई मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रमुख अन्य शहरों से भी अमरकंटक की कनेक्टिविटी दुरुस्त है।


........................................................................................................
श्रावण में शिव को अर्पित करें ये वस्तु, चमक उठेगी किस्मत (Shraavan mein Shiv ko Arpit karen ye Vastu, Chamak Uthegee Kismat)

श्रावण में शिव को अर्पित करें ये वस्तु, चमक उठेगी किस्मत

कौन हैं शनिदेव? क्यों डरते हैं सब शनिदेव से !

शनिदेव को नवग्रहों में एक प्रमुख ग्रह की मान्यता दी गयी है और इन्हें कर्म-प्रधान, कर्म फलदाता एवं दंडाधिकारी भी कहा गया है।

शुक्र हैं आकर्षण, ऐश्वर्य, धन, सुख, वैभव और प्रेम के देवता

शुक्र हैं आकर्षण, ऐश्वर्य, धन, सुख, वैभव और प्रेम के देवता

जब शनिदेव के प्रकोप से परेशान होकर महादेव ने धारण किया हाथी का रूप, जानिए क्या है कथा.

जब शनिदेव के प्रकोप से परेशान होकर महादेव ने धारण किया हाथी का रूप, जानिए क्या है कथा.

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang