माँ उमा देवी शक्तिपीठ या मिथिला शक्तिपीठ भारत-नेपाल की सीमा पर मिथिला बिहार के दरभंगा में स्थित है। इस शक्तिपीठ को उमा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां माता सती को देवी उमा और भगवान शिव को महोदर के नाम से पूजा जाता है। यहां देवी सती का बायां कंधा गिरा था। मंदिर के गर्भगृह में माता उमा देवी और महोदर की मूर्तियां है। यह मंदिर जो एक किले जैसा दिखता है, एक सफेद रंग की इमारत है जिसमें चार मीनारें हैं।
राम नवमी बहुत उत्साह के साथ मनाई जाती है। वैशाख शुक्ल नवमी यानी जानकी नवमी भी धूमधाम से मनाई जाती है। क्योंकि मिथिला सीता देवी का जन्म स्थान है। कृष्ण जन्माष्टमी भी बड़ी श्रद्धा और आस्था के साथ मनाई जाती है। सरस्वती पूजा, नवरात्रि, दुर्गा पूजा, काली पूजा, दिवाली, कार्तिक पूर्णिमा, अक्षय नवमी, शिवरात्रि, होली, नाग पंचमी, रक्षाबंधन और मधु श्रावणी यहाँ मनाए जाने वाले कुछ अन्य त्यौहार हैं।
शक्तिपीठ का निकटतम रेलवे स्टेशन जनकपुर है। वहीं पटना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के माध्यम से हवाई कनेक्टिविटी है।
लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥
लचकि लचकि आवत मोहन,
आवे मन भावे
लड्डू गोपाल मेरा, लड्डू गोपाल ।
छोटा सा है लला मेरा, करतब करे कमाल,
तेरे बरसाने में है,
बेसहारों को सहारा,