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कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा (Kitna Sona Hai Darbar Bhawani Tera)

कितना सोणा है दरबार, भवानी तेरा (Kitna Sona Hai Darbar Bhawani Tera)

कितना सोणा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

तेरा ये दरबार भवानी,

तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


कोई लाया लाल चुनरिया,

कोई लाया पैजनियां,

कोई बिंदिया कंगन लाया,

कोई मोतियन हार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


सिंह सवारी माँ जगदम्बे,

तेरी शोभा अति प्यारी,

बलिहारी हुआ आज भक्त वो,

किया जिसने दीदार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


जगराते में भजन भाव की,

पावन गंगा बहती है,

करे प्रार्थना ‘चोखानी’ भी,

लगाके जै जैकार,

कितना प्यारा है,

कितना प्यारा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥


कितना सोणा है दरबार,

भवानी तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

तेरा ये दरबार भवानी,

तेरा ये सिणगार,

कितना सोणा है,

ओ मैया तुमको,

किसने सजाया है,

तेरा सुंदर से सुंदर,

दरबार बनाया है ॥

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चैत्र नवरात्रि: मां ब्रह्मचारिणी की कथा

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के दूसरे रूप की पूजा करने से भक्तों को धैर्य, शांति और समृद्धि मिलती है।

5 April 2025 Panchang (5 अप्रैल 2025 का पंचांग)

आज 05 अप्रैल 2025 चैत्र माह का बीसवां दिन है और आज इस पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष तिथि अष्टमी है। इसे दुर्गाष्टमी कहा जाता है, इस दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि तीसरे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं, जिनके मस्तक पर अर्धचंद्र की संरचना बनी है इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी दुर्गा का यह स्वरूप शौर्य और सौम्यता का प्रतीक है।

चैत्र नवरात्रि: मां चंद्रघंटा की कथा

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जिन्हें साहस, शांति और कल्याण का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को शक्ति और सफलता मिलती है।

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