झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।
सावन की तीज आई, नवघोर घटा छाई,
सावन की तीज आई, नवघोर घटा छाई,
नवघोर घटा छाई,
मेघन झड़ी लगाई, पड़ी बूँद मंदिनी,
॥ झूलन चलो हिडोलना...॥
सुंदर कदम की डारी, झूलो पड़यो है प्यारी,
सुंदर कदम की डारी, झूलो पड़यो है प्यारी,
झूलो पड़यो है प्यारी,
देखो उमर किशोरी, सब दुख निकंदिनि,
॥ झूलन चलो हिडोलना...॥
पहरो सुरंग सारी, मानो विनय हमारी,
पहरो सुरंग सारी, मानो विनय हमारी,
मानो विनय हमारी,
मुखचंद्र की उजियारी, मृदुभाष नंदिनी,
॥ झूलन चलो हिडोलना...॥
झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी,
झूलन चलो हिडोलना, वृषभान नंदनी।
प्रयागराज में महाकुंभ मेले का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा और इसी दिन महाकुंभ का अंतिम स्नान भी किया जाएगा। इस बार महाशिवरात्रि पर कुछ विशेष संयोग बन रहे हैं।
महाकुंभ 2025 का समापन 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन होगा, इस दिन भारी संख्या में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। 26 फरवरी, महाशिवरात्रि के दिन, संगम पर होने वाले अंतिम शाही स्नान के साथ ही इस आयोजन का समापन हो जाएगा।
महाकुंभ के सफल आयोजन के बाद अब सभी अखाड़े और साधु- संन्यासी इस समय काशी में हैं। बाबा विश्वानाथ की पूजा-आराधना के बिना महाकुंभ का शाही स्नान शैव संप्रदाय के नागा साधुओं के लिए अधूरा माना जाता है।
Aaj Ka Panchang 25 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और परिघ योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।