जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ।
ये जीवन समर्पित, चरण में तुम्हारे,
तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे,
तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे रहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥
दयानाथ दयानिधि, मेरी अवस्था,
तेरे ही हाथो में, मेरी व्यवस्था,
कहना होगा जो भी, तुमसे रहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥
ना कोई शिकायत, ना कोई अर्जी,
कहलो करालो, जो तेरी मर्जी,
सहाओगे जो भी, हंस के सहूँगा ।
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वही मैं रहूँगा ॥
जहाँ ले चलोगे, वही मैं चलूँगा,
जहाँ नाथ रख लोगे, वहीं मैं रहूँगा ।
महाभारत के भीषण युद्ध में कई महान योद्धाओं ने अपने प्राण गवाए, लेकिन एक ऐसा योद्धा था जिसे आज भी जीवित माना जाता है। वह गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर के आशीर्वाद से अश्वत्थामा को अमरता का वरदान प्राप्त था।
कभी आपने सोचा है कि महादेव की तीसरी आंख क्यों चमकती है? क्या आप जानते हैं कि इस तीसरी आंख ने कई बार संसार को बचाया भी है और तबाह भी किया है। हिंदू धर्म में महादेव को देवों के देव कहा जाता है। धार्मिक शास्त्रों में भगवान शिव की अनेकों कथाएं प्रचलित हैं।
कुंभ मेला भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है। हर 12 साल में होने वाले इस आयोजन का मुख्य आकर्षण साधु संतों के अखाड़े होते हैं। अखाड़े हिंदू धर्म के प्रमुख संगठन , जो सनातन के प्रचार-प्रसार का काम करते है।
प्रयागराज हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। महादेव की इस पावन नगरी में 12 जनवरी से 26 फरवरी के बीच कुंभ मेले का आयोजन होने वाला है। देश-दुनिया से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां के संगम घाट पर स्नान करने पहुचेंगे। यह घाट करोड़ों श्रद्धालुओं को सबसे बड़ा आस्था का केंद्र है।