Aaj Ka Panchang 25 February 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी और त्रयोदशी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और परिघ योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा धनु राशि में मौजूद हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं। आपको बता दें, आज मंगलवार के दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर 01 बजकर 02 मिनट तक है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03 बजकर 31 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 58 मिनट तक है। आज तिथि के हिसाब से आप मंगलवार का व्रत रख सकते हैं। इस दिन हनुमान की पूजा विधिवत रूप से करें। साथ ही आज भौम प्रदोष व्रत भी है। इस दिन भोलेनाथ के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में हम विस्तार से आपको आज मंगलवार के पंचांग के बारे में बताएंगे कि आज आपके लिए शुभ मुहूर्त क्या है। किस समय कार्य करने से भाग्योदय हो सकता है। साथ ही आज किन उपायों को करने से लाभ हो सकता है और आज के दिन किन मंत्रों का जाप करने से लाभ हो सकता है।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, मन के कारक कहे जाने वाले चंद्र देव 25 फरवरी को अपनी राशि बदलेंगे। इस दिन, चंद्र देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर राशि के स्वामी न्याय के देवता और कर्मों का फल देने वाले शनिदेव हैं, और इस राशि के आराध्य भगवान शिव हैं। भगवान शिव की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
भौम प्रदोष व्रत 25 फरवरी को पड़ रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
25 फरवरी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और परिघ योग का दिव्य संयोग है। इस दिन चंद्रमा धनु राशि और सूर्य कुंभ राशि में गोचर करते हुए शुभ योग बना रहे हैं। आज मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा विधिवत रूप से करें। साथ ही इस दिन भौम प्रदोष व्रत भी पूरे विधि-विधान के साथ करें।
आज उत्तराषाढ़ा नक्षत्र है, जो कि बहुत ही शुभ नक्षत्र माना जाता है। यह दिन फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का है, और इस दिन प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है, और इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
हर घर में होली के मौके पर गुजिया बनाई और खाई जाती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा क्यों है? इसके पीछे एक दिलचस्प पौराणिक कथा और ऐतिहासिक महत्व छिपा हुआ है। तो आइए जानते हैं कि होली पर गुजिया क्यों बनाई जाती है और इसके पीछे की कहानियां क्या हैं।
होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि ये खुशियां, प्रेम और भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर त्योहार मनाते हैं। लेकिन क्या आपने ये कभी सोचा है कि होली पर रंग लगाने की परंपरा कैसे शुरू हुई? इसके पीछे एक पौराणिक कथा छिपी हुई है, जो भगवान श्रीकृष्ण और प्रह्लाद से जुड़ी है।
होली का हर पल जीवन के लिए एक संदेश लेकर आता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में कभी भी आर्थिक तंगी नहीं आती है। इस साल होली 14 मार्च को मनाई जा रही है। 14 मार्च को शुक्रवार है। शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है।
भारत देश त्योहारों का देश है और यहां हर त्यौहार का अपना महत्व और पूजा विधि है। इन्हीं त्यौहारों में से एक है छठ पूजा है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है।