झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले,
हो जासी कल्याण,
मोरछड़ी के माए विराजे,
खाटू वालो श्याम,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें,
हो जासी कल्याण ॥
बहुत घणी सकलाई इ में,
दुनिया या बतलावे,
मोरछड़ी इक बार भी जी के,
माथे पर लहरावे,
मालामाल वो हो जावे,
संकट कटे तमाम,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें,
हो जासी कल्याण ॥
मोरछड़ी ने थामे खाटू,
वालो श्याम बिहारी,
जइया विष्णु चक्र सुदर्शन,
मुरली कृष्ण मुरारी,
मोरछड़ी से करे है बाबा,
भगता को हर काम,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें,
हो जासी कल्याण ॥
श्याम प्रभु की मोरछड़ी ने,
जो हाथां में ले कर,
कीर्तन माहि नाचे ‘सोनू’,
भक्त दीवानो हो कर,
खाटू वालो राखे विको,
तो जीवन भर ध्यान,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें,
हो जासी कल्याण ॥
झाड़ो मोरछड़ी को लगवाले,
हो जासी कल्याण,
मोरछड़ी के माए विराजे,
खाटू वालो श्याम,
झाड़ो मोरछड़ी को लगवालें,
हो जासी कल्याण ॥
श्री गणपति, गुरु गौरि पद, प्रेम सहित धरि माथ ।
चालीसा वन्दन करों, श्री शिव भैरवनाथ ॥
कुल गुरू को नमन कर, स्मरण करूँ गणेश ।
फिर चरण रज सिर धरहँ, बह्मा, विष्णु, महेश ।।
शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अधिकाय ।
कल्प वृक्ष सम प्रभु चरण, हैं सबको सुखकाय ।।
जय जय जल देवता,जय ज्योति स्वरूप ।
अमर उडेरो लाल जय,झुलेलाल अनूप ॥