जागो पहाड़ावाली तेरा,
जागण वेला होया,
जागो गौरा माई तेरा,
जागण वेला होया ॥
जागण चिड़िया,
जागे माई ज्वाल्पा,
जागे जगमग ज्योत माँ,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
नगरकोट महारानी जागो,
जागो ज्वाला माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
गुण गांवा ललिता जी जागो
जागो झंडेवाली माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती जागो,
जाग रही माँ काली,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो जीण माता असावरा जागो,
जागो जोगमाया माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो मनसा देवी नैना देवी जागो,
जागो कंवलका माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो जगदम्बा जागो जोगणिया,
जागो संतोषी माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो माई शारदा कामख्या जागो,
जागो चामुण्डा माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो विंध्यवासिनी,
कैला मैया जागो,
जागो नारायणी माई,
तेरा जागण वेला होया
जागो पहाड़ां वाली,
तेरा जागण वेला होया ॥
जागो पहाड़ावाली तेरा,
जागण वेला होया,
जागो गौरा माई तेरा,
जागण वेला होया ॥
वो नाव कैसे चले
जिसका कोई खेवनहार ना हो,
बड़ा है दयालु भोले नाथ डमरू वाला,
जिनके गले में विषधर काला,
दिवाली के पांचवें दिन मनाए जाने वाले त्योहार लाभ पंचमी का हिंदू धर्म अत्याधिक महत्व है। इस पर्व को गुजरात में विशेष तौर पर मनाया जाता है।
गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।