होली खेल रहे नंदलाल,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ।
वृंदावन कुञ्ज गलिन में,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥
नंदगांव के छैल बिहारी,
बरसाने कि राधा प्यारी ।
हिलमिल खेले गोपी ग्वाल,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥
ढापडोल मजीरा बाजे,
कहना मुख मुरली साजे ।
ए री सब नाचत दे दे ताल,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥
याने भर पिचकारी मारी,
रंग में रंग दारी सारी ।
ए री मेरे मुख पर मलो गुलाल,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥
होली खेल रहे नंदलाल,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ।
वृंदावन कुञ्ज गलिन में,
वृंदावन कुञ्ज गलिन में ॥
भजन का अन्य रूप
होली खेल रहे नन्दलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥
मेरे घर मारी पिचकारी,
मेरी भीगी रेशम साड़ी,
मेरे घर मारी पिचकारी,
मेरी भीगी रेशम साड़ी,
अरे मेरे मुँह पे मलो गुलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥
लिए ग्वाल बाल सब संग में,
रंग गई बसंती रंग में,
लिए ग्वाल बाल सब संग में,
रंग गई बसंती रंग में,
अरे मेरी चली ना कोई चाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥
मेरी रंग से भरी कमोरी,
कंकरिया मार के फोरी,
मेरी रंग से भरी कमोरी,
कंकरिया मार के फोरी,
में तो पड़ी हाल बेहाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥
मोसे हँस के बोलो बेना,
तोहे सही बताऊ बहना,
मोसे हँस के बोलो बेना,
तोहे सही बताऊ बहना,
मैं कर दई हरी और लाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में ॥
होली खेल रहे नन्दलाल,
गोकुल की कुञ्ज गलिन में॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर आश्लेषा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस तिथि पर मघा नक्षत्र और सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा सिंह राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
होली तिथि 2025: होली खुशियों, उल्लास, रंगों और उत्साह का त्योहार है जिसका हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। लोग अपने सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर प्यार के रंग में सराबोर हो जाते हैं। होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र और धृति योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा सिंह राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।