नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,
ठाड़ौ मुस्काय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
नेक नकान करत काहू की,
नजर बचावै भैया बलदाऊ की,
पनघट सौ घर लौं बतराय,
घर लौं बतराय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
औचक कुचन कुमकुमा मारै,
रंग सुरंग सीस ते ढारै,
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,
सुनि सासु रिसियाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,
सालिगराम कौन याहि हटके,
अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,
होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
मासिक शिवरात्रि व्रत काफ़ी शुभ माना जाता है। यह त्योहार हर मास कृष्ण पक्ष के 14वें दिन मनाया जाता है। इस बार यह व्रत शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 के दिन मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो भक्त इस तिथि पर व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, उन्हें सुख-शांति और धन-वैभव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि शिव जी की कृपा प्राप्त करने के लिए यह व्रत काफ़ी महत्वपूर्ण है।
साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि के दिन का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मांं पार्वती की पूजा होती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शिव की उपासना और व्रत करता है उस पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही उन्हें मनचाहा फल प्रदान करते हैं।
सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,