तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,
मिली तुमसे नजर,
मेरी जब सांवरे,
ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥
हर किसी को तेरी यहाँ दरकार है,
मानते है सभी श्याम सरकार है,
अब किसी से कोई श्याम शिकवा नहीं,
सामने फिर तुम्हारा जो आना हुआ,
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥
हम जीते थे मर मर के ओ सांवरे,
दर पे आके तेरे हम हुए बांवरे,
दुखड़े कितने है सहने बता दे मुझे,
सुख देखे मोहन इक जमाना हुआ,
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥
चाहे काली घटा हो या लाखों तूफाँ,
तुमको आना पड़ेगा कन्हैया यहाँ,
तेरे चरणों में ऐ मुरली वाले मेरे,
आज तक ना हमारा ठिकाना हुआ,
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥
गिर ना जाऊँ तेरी इन कठिन राहो में,
पास आजा मेरे थाम ले बांहो में,
अब ‘सुरेन्द्र’ को अपना बना सांवरे,
बैरी दुश्मन ये सारा ज़माना हुआ,
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,
मिली तुमसे नजर,
मेरी जब सांवरे,
ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू धर्म में 16 संस्कारों में से 10वां संस्कार है। यह संस्कार पुरुषों में जनेऊ धारण करने की पारंपरिक प्रथा को दर्शाता है, जो सदियों से चली आ रही है।
सनातन धर्म में शुभ कार्यों की शुरुआत करने से पहले शुभ तिथि और मुहूर्त का महत्व बहुत अधिक है। यह मान्यता है कि शुभ तिथि और मुहूर्त में किया गया कार्य अवश्य सफल होता है।
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।