धूम मचाने आ जइयो आई होली सावरिया,
होली सावरिया आई होली सावरिया,
खेले सावरिया होली खेले सावरिया,
आके रंग जमा जइयो आई होली सावरिया ॥
ग्वालो की टोली संग गोपिया बुलाई है,
राधा जैसी गोरी गोरी सखियां भी आई है,
सामने तो छलिया तू आके दिखा,
आई होली सावरिया ॥
ढोल नगाड़ा और चंग बजायेंगे,
मुरली की धुन पर रास रचायेंगे,
ताल से ताल मिला ले जरा,
आई होली सावरिया ॥
मलेंगे गुलाल तेरे मारे पिचकारी,
आज न चलेगी कोई चाल तुम्हारी,
इतनी अकड़ न तो हमको दिखा,
आई होली सावरिया ॥
तेरे बिना श्याम सुनी सुनी लागे,
मोहन कौशिक और हरीश गुण गाके,
भक्तो के संग जरा नच के दिखा,
आई होली सावरिया ॥
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या, जो इस बार 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है।
केतु को आध्यात्मिक विकास, मोक्ष और वैराग्य का कारक माना जाता है। केतु ग्रह व्यक्ति के पिछले जन्मों के कर्मों का फल देते हैं। यह व्यक्ति के जीवन में अचानक बदलाव ला सकता हैं, चाहे वह अच्छे हों या बुरे।
राहु ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण ग्रह है जिसे छाया ग्रह भी कहा जाता है। यह ग्रह सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय बनने वाली छाया से उत्पन्न माना जाता है।
अमावस्या की तिथि पितरों के तर्पण और उनकी पूजा-अर्चना के लिए शुभ मानी जाती है। जब अमावस्या किसी सोमवार को पड़ती है, तो इसे 'सोमवती अमावस्या' कहते हैं। सनातन धर्म में इस दिन का महत्व बहुत अधिक है।