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सोमवती अमावस्या पर 5 स्थानों पर जलाएं दीपक

सोमवती अमावस्या पर 5 स्थानों पर जलाएं दीपक

Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर इन 5 स्थानों पर जलाएं दीपक, दूर होगा जीवन का अंधकार


सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इसे पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करने का उत्तम समय माना जाता है। विशेष रूप से सोमवती अमावस्या, जो इस बार 30 दिसंबर 2024 को पड़ रही है। इसमें शिव जी की पूजा और दीपक जलाना बहुत शुभ होता है। इस दिन यदि कुछ विशेष स्थानों पर दीपक जलाया जाए तो जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं। इससे पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। साथ ही साधक को सुख-समृद्धि और शांति का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। तो आइए, इन उपायों को विस्तार से जानते हैं।


पितरों का मिलता है आशीर्वाद


अमावस्या तिथि हिंदू धर्म में पितरों और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह दिन दान-पुण्य, पिंडदान और तर्पण के लिए भी उत्तम माना जाता है। सोमवती अमावस्या का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है। क्योंकि, यह सोमवार को है। चूंकि, सोमवार शिव जी का प्रिय दिन है। इसलिए, इस दिन विशेष रूप से दीपक जलाने के उपाय से साधक को सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं।


इन 5 स्थानों पर जलाएं दीपक


1) घर के मुख्य द्वार पर जलाएं दीपक:- मुख्य द्वार को मां लक्ष्मी के आगमन का प्रवेश द्वार माना जाता है। इसलिए, इस दिन घर के मुख्य द्वार पर घी या सरसों के तेल का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना गया है। 

समय: सूर्यास्त के तुरंत बाद।

लाभ: इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और समस्त परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है।


2) दक्षिण दिशा में जलाएं दीपक:- अमावस्या तिथि को पितरों की दिशा दक्षिण मानी जाती है। इस दिन घर के बाहर दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाना शुभ होता है।

महत्व: यह दीपक पितरों के लिए समर्पित होता है।

लाभ: पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपने आशीर्वाद से परिवार को सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।


3) पीपल के पेड़ के पास जलाएं दीपक:- चूंकि, हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्र माना गया है। इसलिए, माना जाता है कि इसमें देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है।

उपाय: पीपल के पेड़ के पास सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं।

लाभ: इससे भगवान का आशीर्वाद बना रहता है और साधक के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं।


4) पूर्वजों की तस्वीर के पास दीपक जलाएं:- अमावस्या तिथि पर ऐसा माना जाता है कि पितरों का आगमन घर में होता है।

उपाय: जहां पूर्वजों की तस्वीर हो, वहां दीपक जलाएं।

लाभ: यह पितरों को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।


5) ईशान कोण में जलाएं दीपक:- घर के ईशान कोण को देवी-देवताओं का स्थान माना जाता है। यह दिशा घर में सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत होती है।

उपाय: ईशान कोण में स्थित मंदिर में दीपक जलाएं।

लाभ: इससे देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है और घर में सुख-शांति का वातावरण स्थापित होता है।


जानिए इस दिन दीपक जलाने के विशेष लाभ


  1. नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  2. पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
  3. देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है।
  4. घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
  5. जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।


घर में सकारात्मकता लाते हैं ये उपाय


सोमवती अमावस्या पर शुभ स्थानों पर दीपक जलाने का विशेष महत्व है। यह  धार्मिक दृष्टि से तो शुभ होता ही है। साथ ही इससे जीवन में सकारात्मक बदलाव  भी आता है। अगर इन उपायों को श्रद्धा और नियमपूर्वक किया जाए। तो निश्चित रूप से परिवार पर पितरों और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।


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फरवरी 2025 पहला प्रदोष व्रत

साल 2025 के फरवरी माह में प्रदोष व्रत से लेकर महाशिवरात्रि जैसे बड़े पर्व हैं। इसलिए, यह महीना भोलेनाथ और माता पार्वती की कृपा के लिए बेहद शुभ है।

क्यों रखते हैं रवि प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, फरवरी महीने का पहला प्रदोष व्रत माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा। यह तिथि शुरुआत 9 फरवरी 2025, रविवार के दिन पड़ेगी और इसी दिन व्रत करना फलदायी होगा।

जया एकादशी उपाय

जया एकादशी का दिन बहुत ही पावन माना जाता है। इस साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 08 फरवरी को मनाई जाएगी।

जया एकादशी की कथा

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। माघ मास की जया एकादशी जल्द ही आने वाली है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को विष्णु जी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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