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कब किया जाएगा अगला शाही स्नान?

कब किया जाएगा अगला शाही स्नान?

कब होगा अगला अमृत स्नान, कुंभ स्नान की प्रमुख तिथियों के बारे में यहां पढ़ें.


प्रयागराज में 12 वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए उमड़े हैं। यह महान धार्मिक आयोजन, जो हजारों वर्षों से भारतीय संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक रहा है, विश्व का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम माना जाता है। कुंभ मेला में नागा साधुओं की भव्य प्रस्तुति एक प्रमुख आकर्षण है, जो भारतीय तपस्वियों की कठोर तपस्या और देशभक्ति का प्रतीक है। इतिहास गवाह है कि इन साधुओं ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अनेक विदेशी आक्रमणों का मुकाबला किया है। यह मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है बल्कि भारतीय समाज की एकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक है। कुंभ मेला हर बार भारतीय समाज में एक नई ऊर्जा का संचार करता है। इस महाकुंभ के पहले अमृत स्नान मकर संक्रांति के पर्व पर हुआ था और इसमें लगभग चार करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। यह संख्या वास्तव में अद्भुत है और यह दर्शाती है कि अमृत स्नान कितना महत्वपूर्ण है। अब अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले अमृत स्नान, जो मौनी अमावस्या के पर्व पर होगा, में लगभग दस करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचेंगे। यह संख्या और भी अधिक है और यह दर्शाती है कि लोगों की धार्मिक आस्था कितनी गहरी है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में अमृत स्नान की तिथियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 


महाकुंभ 2025 का दूसरा अमृत स्नान


महाकुंभ 2025 का दूसरा और सबसे बड़ा अमृत स्नान 29 जनवरी, 2025 को किया जाएगा। यह दिन हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है क्योंकि इस दिन मौनी अमावस्या होती है, जिसे माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

मौनी अमावस्या एक ऐसा दिन है जब लाखों-करोड़ों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए उमड़ते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन आसमान से अमृत बरसता है और नदियों का जल दिव्य गुणों से भर जाता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाकुंभ में मौनी अमावस्या का विशेष महत्व इसीलिए है कि इस दिन अमृत स्नान को बहुत पवित्र माना जाता है। इस दिन किया गया स्नान एक हजार अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्यदायी माना जाता है।


महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान


महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान 3 फरवरी 2025, बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा। बसंत पंचमी के पावन पर्व पर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने, दान करने और देवी को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है।


महाकुंभ 2025 का चौथा अमृत स्नान


महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान 12 फरवरी 2025, माघी पूर्णिमा के दिन किया जाएगा। इस दिन स्नान करने से व्यक्ति को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। 


महाकुंभ 2025 का पांचवां और आखिरी अमृत स्नान


महाकुंभ 2025 का पांचवां और आखिरी अमृत स्नान, 26 फरवरी यानी कि महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन साक्षात भगवान शिव पृथ्वी लोक पर स्वयं शाही स्नान करने के लिए आते हैं। 


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लंका में बज गया रे डंका श्री राम का(Lanka Mein Baj Gaya Re Danka Shree Ram Ka)

मैं माँ अंजनी का लाला श्री राम भक्त मतवाला,
मेरा सोटा चल गया रे बजा डंका राम का,

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,
भोलेनाथ तेरी भंगिया,

लौट के आजा नंद के दुलारे(Laut Ke Aaja Nand Ke Dulare)

लौट के आजा नंद के दुलारे,
उम्मीद लगाए,

ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ(Le Chal Apni Nagariya, Avadh Bihari Sanvariya)

ले चल अपनी नागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ ।

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