Logo

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से, भोलेनाथ तेरी भंगिया(Lau Kaha Se Bhole Nath Teri Bhangiya)

लाऊँ कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया,

ढूंढ ढूंढ मैं तो हार गया,

मैं तो हार गया,

मिली ना तेरी भंगिया,

लाऊं कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया ॥


छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,

आप कहो झट से ल्याऊँ,

चांदी के पाटो पर बैठो,

कंचन थाल मैं सजवाऊं,

मानो मानो जी भंगिया के रसिया,

मानो मानो जी भंगिया के रसिया,

मिली ना तेरी भंगिया,

लाऊं कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया ॥


आप कहो तो भोले शंकर,

माँ गौरा को बुलवाऊं,

कार्तिक जी गणपति जी को मैं,

तुरंत संदेसा भिजवाऊं,

बोलो बोलो जी कैलाश बसिया,

बोलो बोलो जी कैलाश बसिया,

मिली ना तेरी भंगिया,

लाऊं कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया ॥


चंद्र निराला मस्तक सोहे,

अंग विभूति रमी हुई,

नाग भयंकर गले में लिपटे,

गंग जटा से बहती हुई,

डमरू बजावे शिव भोले जोगिया,

डमरू बजावे शिव भोले जोगिया,

मिली ना तेरी भंगिया,

लाऊं कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया ॥


लाऊँ कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया,

ढूंढ ढूंढ मैं तो हार गया,

मैं तो हार गया,

मिली ना तेरी भंगिया,

लाऊं कहाँ से,

भोलेनाथ तेरी भंगिया ॥

........................................................................................................
व्यापार शुरू करने के शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025

नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं - रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।

नई दुकान खोलने के शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025

नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

शुभ मुहूर्त अप्रैल 2025

अप्रैल का महीना शुभता और समृद्धि का प्रतीक है, जब लोग अपने जीवन में नए लक्ष्यों को प्राप्त करने की योजना बनाते हैं। चाहे वह अपने करियर में नए अवसरों की तलाश हो, अपने सपनों का घर बनाना हो, या जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करना हो, सही समय का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

विद्या आरंभ मुहूर्त अप्रैल 2025

एक बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है जो उसके भविष्य को आकार देता है। यह संस्कार भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है, जहां ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योगों का ध्यान रखा जाता है I

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang