उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित राधा कुंड, सनातन धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थल है। इसका भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी से गहरा संबंध माना जाता है। हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन यहां स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन अहोई अष्टमी का व्रत भी रखा जाता है। लेकिन इस बार अष्टमी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन है कि ये तिथि 23 अक्टूबर या 24 अक्टूबर में से कौनसे दिन मनाई जाएगी और इनमें से किस दिन राधा कुण्ड में स्नान करना शुभ रहेगा। तो आईए जानते हैं क्या है स्नान का सही मुहूर्त, साथ ही जानेंगे राधा कुण्ड स्नान के महत्व को भी...
पंचांग के अनुसार, इस बार कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 24 अक्टूबर 2024 को प्रात: 01 बजकर 18 मिनट से हो रहा है, जो अगले दिन 25 अक्टूबर 2024 को सुबह 01 बजकर 58 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर राधा कुण्ड स्नान 24 अक्टूबर 2024, गुरूवार के दिन किया जाएगा।
अहोई अष्टमी के दिन रात 12 बजे के बाद राधा कुंड में स्नान करना शुभ होता है। इस दिन अर्ध रात्रि में स्नान करने का मुहूर्त 11 बजकर 38 मिनट से लेकर 25 अक्टूबर 2024 को प्रात: काल 12 बजकर 29 मिनट तक है।
अहोई अष्टमी के दिन बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन के लिए माताएं व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि राधा कुंड में स्नान करने से व्यक्ति पर राधा रानी के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है। इतना ही नहीं, कहते हैं कि अगर किसी दंपत्ति को संतान नहीं है, तो इस कुंड में स्नान करने से संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है। वहीं कुछ मान्यताओं के अनुसार सच्चे मन से राधा कुंड में डुबकी लगाने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उसको सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमी सनातन धर्म का विशेष पर्व है, जिसे माघ महीने में मनाया जाता है। इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा होती है। इस खास दिन पर माता शारदा की पूजा की जाती है और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।
बसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन विधिपूर्वक मां सरस्वती की पूजा करने से बुद्धि और सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी का पर्व माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस साल बसंत पंचमी 2 फरवरी को मनाई जाएगी।
बसंत पंचमी सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार विद्या, कला और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है और हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।