Logo

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

माघ गुप्त नवरात्रि कवच पाठ

Magh Gupt Navratri 2025: माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान करें अवश्य करें गुप्त कवच का पाठ, मिलेगा मनोवांछित फल  


हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार देवी माँ के विभिन्न रूपों की पूजा करने हेतु मनाया जाता है। यहां, नवरात्रि शब्द में 'नव' का अर्थ नौ और 'रात्रि' का अर्थ है रातें। इन नौ रातों में देवी मां के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती है।  हालांकि, 4 नवरात्रियों में से एक माघी नवरात्रि गृहस्थ लोगों के लिए नहीं होती है।  माघ गुप्त नवरात्रि में गुप्त कवच का पाठ सिद्धियां प्राप्ति के लिए बेहद शुभ माना जाता है। तो आइए, इस आर्टिकल में गुप्त कवच पाठ और इसके महत्व को जानते हैं। 


माघ गुप्त नवरात्रि में करें इस कवच का पाठ


शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिदम्।

पठित्वा पाठयित्वा च नरो मुच्येत सङ्कटात् ॥

उमा देवी शिरः पातु ललाटं शूलधारिणी।

चक्षुषी खेचरी पातु वदनं सर्वधारिणी ॥

जिह्वां च चण्डिका देवी ग्रीवां सौभद्रिका तथा।

अशोकवासिनी चेतो द्वौ बाहू वज्रधारिणी ॥

हृदयं ललिता देवी उदरं सिंहवाहिनी।

कटिं भगवती देवी द्वावूरू विन्ध्यवासिनी ॥

महाबाला च जङ्घे द्वे पादौ भूतलवासिनी

एवं स्थिताऽसि देवि त्वं त्रैलोक्यरक्षणात्मिके।

रक्ष मां सर्वगात्रेषु दुर्गे दॆवि नमोऽस्तु ते ॥ 



जानिए गुप्त कवच पाठ करने के लाभ 


माघ गुप्त नवरात्रि के दिन गुप्त कवच का पाठ करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है और शुभ परिणाम मिल सकते हैं। इसके अलावा, गुप्त कवच बेहद ही शक्तिशाली एवं रहस्यमय मंत्र साधना माना जाता है। जो पूर्ण रूप से मां दुर्गा को समर्पित है। इसके पाठ करने से साधक को अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होता है। साथ ही यह कवच एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है जो व्यक्ति को बुरी नजर, नकारात्मक ऊर्जाओं और दुर्भाग्य से बचाता है। गुप्त कवच का नियमित पाठ करने से व्यक्ति का धार्मिक ज्ञान भी बढ़ता है। इससे आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। गुप्त कवच का पाठ करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है और बीमारियों से भी बचा रहता है। गुप्त कवच का पाठ करने से सफलता प्राप्ति हो सकती है। 



जानिए गुप्त नवरात्रि की तिथि 


पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि पर्व आषाढ़ और माघ माह में मनाया जाता है। बता दें कि 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ हो रहा है। इसे तंत्र साधना और गुप्त विद्याओं में रुचि रखने वालों के लिए और भी खास माना गया है। द्रिक पंचांग के अनुसार, माघ महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 29 जनवरी 2025 को शाम 06 बजकर 05 मिनट पर हो रही है और अगले दिन 30 जनवरी 2025 को शाम 04 बजकर 20 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 30 जनवरी 2025 को माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होगी और 7 फरवरी 2025 को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा।


........................................................................................................
गुप्त नवरात्रि पर राशि के अनुसार उपाय

सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।

गुप्त नवरात्रि 12 राशियों पर प्रभाव

साल में आने वाली चारों नवरात्रि का सनातन धर्म के लोगों के लिए खास महत्व है। 30 जनवरी से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। जिसका समापन अगले महीने 7 फरवरी 2025 को होगा।

माघ गुप्त नवरात्रि 2025

हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व को नारी शक्ति और देवी दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा को समर्पित है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का बड़ा महत्व है।

मौनी अमावस्या पर कब और कैसे करें स्नान?

माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस दिन मौन साधना करना विशेष लाभदायक माना जाता है। इस साल यह अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang