रविवार का दिन हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को समर्पित होता है। ज्योतिष के अनुसार सूर्य ग्रह आत्मबल, मान-सम्मान, स्वास्थ्य और सरकारी कार्यों का कारक होता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर हो या जीवन में बार-बार अपमान, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या सरकारी कामों में रुकावट आ रही हों, तो रविवार के दिन विशेष उपाय और दान करना बेहद शुभ माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि रविवार के दिन क्या-क्या दान करें जिससे सूर्यदेव की कृपा प्राप्त हो और जीवन में सुख, सम्मान और सफलता का मार्ग खुले।
1. तांबे का दान
रविवार को तांबे का दान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। तांबे की अंगूठी, तांबे का लोटा या तांबे का सिक्का किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को देने से सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। इससे आत्मबल बढ़ता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
2.लाल वस्त्र और लाल फूल
सूर्यदेव का प्रिय रंग लाल होता है। इसलिए रविवार को लाल रंग के वस्त्र, चंदन, लाल पुष्प और रोली का दान करने से सूर्य मजबूत होता है। यह दान मंदिर में पुजारी को या किसी गरीब व्यक्ति को भी दिया जा सकता है।
3. गेहूं और गुड़
रविवार के दिन गेहूं और गुड़ का दान करने से भी सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जिन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं या आत्मविश्वास की कमी होती है।
4. लाल मसूर की दाल
रविवार को लाल मसूर की दाल दान करना भी शुभ माना जाता है। यह दान विशेष रूप से उन लोगों को करना चाहिए जिनके शत्रु सक्रिय हैं या जो बार-बार किसी कारणवश अपमानित हो रहे हैं।
5. आंखों से जुड़े सामान
सूर्य आंखों का कारक होता है, इसलिए रविवार के दिन चश्मा, आंखों की दवा या सूरज की रोशनी से बचाने वाले चश्मे का दान किसी जरूरतमंद को करना भी लाभकारी होता है।
6. काले कपड़े या छाया पात्र का दान न करें
रविवार को भूलकर भी काले वस्त्र, लोहा या छाया पात्र (जैसे तेल भरे बर्तन) का दान नहीं करना चाहिए। ये शनि ग्रह से संबंधित वस्तुएं होती हैं और रविवार को सूर्य और शनि का टकराव अनिष्टकारी हो सकता है।
7. जल में लाल पुष्प और रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें
दान के साथ-साथ रविवार की सुबह स्नान करके तांबे के लोटे में जल, लाल फूल और रोली मिलाकर सूर्य को अर्घ्य देना भी बेहद पुण्य दायक होता है। इससे आपको भाग्य का भी भरपूर साथ मिलेगा।
मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हिया मेरा नाम हो रहा है॥
मेरा बजरंगी हनुमान,
बड़ा ही अलबेला है,
मेरा भोला बड़ा मतवाला,
सोहे गले बीच सर्पों की माला ॥
सबना दा रखवाला ओ शिवजी डमरूवाला जी
डमरू वाला उपर कैलाश रहंदा भोले नाथ जी