फागण को महीनो,
लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,
कोई काम नहीं दूजो,
बस बोलां जय श्री श्याम ॥
खाटू की नगरिया,
सजगी निराली जी,
गलियां गलियां गूंजे,
म्हारे श्याम धणी रो नाम ॥
बेगा सा चालो,
श्याम धणी के द्वार,
बाबो बैठ्यो बैठ्यो,
जोवे टाबरिया री बाट ॥
ऐसो तो नज़ारो,
देख्यो सुन्यो ना कोई द्वार,
है स्वर्ग से भी सुन्दर,
म्हारे श्याम धणी रो धाम ॥
फागण को महीनो,
लिख दीन्यो बाबा जी के नाम,
कोई काम नहीं दूजो,
बस बोलां जय श्री श्याम ॥
भगवान दत्तात्रेय को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का ही अंश माना जाता है। माता अनुसूया की कठिन साधना के फलस्वरूप ये तीनों देव ही भगवान दत्तात्रेय के रूप में अवतरित हुए थे।
मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के अंश माने जाने वाले भगवान दत्तात्रेय का जन्म हुआ था। भगवान दत्तात्रेय को गुरु और भगवान दोनों की उपाधि दी गई है।
वैदिक पंचांग के अनुसार 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा होती है।
माता अन्नपूर्णा अन्न की देवी मानी जाती हैं। इस कारण इस दिन भूल से भी किसी तरह के अन्न का अनादर नहीं करना चाहिए।