तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी,
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ।
भरी सबा में द्रोपदी खाड़ी,
राखो लाज हमारी ।
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ॥
मोर मुकट पीताम्भर सोहे,
कुण्डल की छवि न्यारी ।
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ॥
मीरा के प्रभु श्याम सूंदर है,
चरण कमल बलिहारी ।
तुम बिन मोरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ॥
सनातन धर्म में कुंभ मेला सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में एक माना जाता है। ये प्रयागराज समेत हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है।
कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जो पौराणिक और ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसका आयोजन हर 12 साल में चार प्रमुख स्थलों हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में होता है।
नया घर, दुकान, बिजनेस या फिर शादी-ब्याह जैसे तमाम मौकों पर हवन और यज्ञ जरूर किया जाता है। हमारे देश में हवन की परंपरा बहुत पुरानी है। हवन के दौरान अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो देखा होगा कि मंत्र के बाद स्वाहा शब्द जरूर बोला जाता है।
गोमूत्र को ना केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी लाभकारी माना गया है। गोमूत्र में ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो मानव शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए उपयोगी होते हैं। हालांकि, सभी गायों का गोमूत्र पवित्र नहीं माना गया है केवल कामधेनु गाय का गोमूत्र ही पवित्र माना जाता है।