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मूषक सवारी लेके, आना गणराजा (Mushak Sawari Leke Aana Ganraja)

मूषक सवारी लेके, आना गणराजा (Mushak Sawari Leke Aana Ganraja)

मूषक सवारी लेके,

आना गणराजा,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


लाल सिंदूर का टिका लगा के,

पान और फूल चड़ाउ,

मोदक लडूवन से भर थाली,

तुम को भोग लगाउ,

देख तुम्हारी महिमा निराली,

गाउं बारम्बार हो,

कारज मेरे सब,

शुभ कर जाना,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


सुख करता तुम,

दुःख के हरता,

सबके प्यारे गणेश हो,

प्यार दुलार हमेशा रहे प्रभु,

ना हो कोई कलेश हो,

सब की नैया पार किये हो,

मुझको भी दो तार,

चरणों में तेरे प्रभु मेरा ठिकाना,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


मूषक सवारी लेके,

आना गणराजा,

रिद्धि सिद्धि को ले आना,

आके भोग लगाना,

मेरे आंगन में, आंगन में,

मुषक सवारी लेके,

आना गणराजा ॥


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वट सावित्री व्रत में क्या करें, क्या नहीं

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत जितना श्रद्धा और नियमों से जुड़ा है, उतना ही इसका सही तरीके से पालन करना भी आवश्यक है। इस साल वट सावित्री व्रत 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा।

वट सावित्री व्रत के उपाय

हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत पतिव्रता स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र, स्वस्थ और सुखमय जीवन के लिए किया जाता है। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि यह दिन वैवाहिक जीवन में चल रही तकरार और आपसी मनमुटाव को दूर करने के लिए भी बेहद शुभ माना गया है।

वट सावित्री पूजा सामग्री

वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विशेष रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा किया जाने वाला महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत महाभारत काल की कथा 'सावित्री और सत्यवान' से जुड़ा हुआ है, जिसमें सावित्री ने अपने तप, भक्ति और बुद्धि से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिए थे।

वट सावित्री पर सोमवती अमावस्या का योग

वट सावित्री व्रत हिन्दू धर्म की एक अत्यंत महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा अपने पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।

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