मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
मस्ताने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है ॥
सारे जग में तेरा बोल बाला,
तेरा दरबार है सबसे आला,
जो भी आए माँ दर पे सवाली,
उसकी झोली भरी तूने खाली,
माँ श्रद्धा सुमन की भेट तुम्हे,
चढ़ाने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है ॥
तू ही करुणा का सागर भवानी,
नही तुझसा बड़ा कोई दानी,
तेरी भक्ति में शक्ति समानी,
जाए महिमा ना तेरी बखानी,
तेरे चरणों में अपना शीश,
ये माँ झुकाने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है ॥
आओ मिल जगराता मनाए,
झूमे भक्ति में नाचे गाए,
ढोल जम के बजा मेरे ढोली,
माँ के भक्तो की निकली है टोली,
माँ तेरे नाम की लाल ध्वजा,
लहराने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है ॥
मेरी मैया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
भक्ति में तेरी डूब के ये,
मस्ताने आए है,
मेरी मईया तेरे दरबार ये,
दीवाने आए है ॥
हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
अपने इष्ट देवता की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। हर व्यक्ति का कोई न कोई इष्ट देव होता है। कोई भगवान विष्णु को मानता है, तो कोई भगवान शिव को।
माघ का महीना हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह महीना भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद पाना आसान होता है।
माघ का महीना हिंदू धर्म में पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस महीने में स्नान करने का विशेष महत्व है, जिसे माघ स्नान कहते हैं। मान्यता है कि माघ महीने में देवता पृथ्वी पर आते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।