जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥
अहिरावण की भुजा उखाड़ी,
सुरसा इनसे हारी हो,
असुरो की वो सेना इनसे,
लड़के नरक सिधारी,
रोती थी जब राम विरह में,
रोती थी जब राम विरह में,
सिता जनक दुलारी,
लंका जा उन्हें धीर बंधाया,
करके कोतुक भारी,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥
मंगलकारी हनुमान जी,
करते सबका मंगल हो,
पाप का ताप मिटाके पल में,
तन मन करते शीतल,
झूठ कपट का मेल मिटाकर,
झूठ कपट का मेल मिटाकर,
करते आत्मा निर्मल,
रामचन्द्र के भक्त बने ये,
भाये ना इनको छल बल,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥
जय बोलो जय बोलो जय हनुमान की,
संकट मोचन करुणा दयानिधान की,
हनुमान की जय विद्यावान की जय,
शक्तिमान की जय हनुमान की जय,
जय बोलों जय बोलों जय हनुमान की ॥
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है। नौ दिन के इस महापर्व में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।
उपांग ललिता पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की तिथि है, जो ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है। विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी दोनों ही भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के अवसर हैं।
दुर्गाअष्टोत्तरशतनामस्तोत्र एक पवित्र हिंदू मंत्र या स्तोत्र है, जिसमें देवी दुर्गा के 108 नामों का वर्णन है। यह स्तोत्र दुर्गा सप्तशती के अंदर आता है और देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है।