इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
रामचंद्र के कारज बाबा,
पल में तुमने सारे थे,
सिता को हर ले गया रावण,
ढूंढ ढूंढ कर हारे थे,
माता की खबर तुम लाए,
माता की खबर तुम लाए,
जाकर के सागर पार,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
शक्ति बाण लगा लक्ष्मण को,
संजीवन तुम ले आए,
बूटी की पहचान हुई ना,
पर्वत ही तुम ले आए,
तेरी सेवा के आगे,
तेरी सेवा के आगे,
खुद झुक गए है भगवान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
मिले ना तुमको रामसिया तो,
तोड़ दी माला मोतियन की,
कहने लगे है भक्त विभीषण,
जात है आखिर वानर की,
तूने चिर दिया है सीना,
तूने चिर दिया है सीना,
बैठे है सियाराम,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
तेरी कृपा से बजरंग बाला,
भक्ति शक्ति मिल जाती है,
हो जाए जो मेहर तुम्हारी,
उनको मुक्ति मिल जाती है,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘विष्णु दत्त’ अब तो बाबा,
‘देव’ दर्शन दीजो आज,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
इतनी किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान,
अब दर्शन दे दो बाबा,
अब दर्शन दे दो बाबा,
मुझे बालक अपना जान,
इतनीं किरपा कीजिये,
सालासर हनुमान ॥
जयकाली कलिमलहरण, महिमा अगम अपार ।
महिष मर्दिनी कालिका, देहु अभय अपार ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
श्री राधापद कमल रज, सिर धरि यमुना कूल |
वरणो चालीसा सरस, सकल सुमंगल मूल ||
कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग।
पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥